में अब दुखी नहीं रहता
में अब दुखी नहीं रहता
या शायद अब ये कहना बेहतर होगा
कि मुझसे अब सुख और दुख में फर्क नहीं किया जाता
मुझे अब पता नहीं लगता कि मैं कब रोते रोते खामोशी से सो जाऊंगा
या कब हंसते हंसते अचानक रो पडुगा इतना टाइम हो गया दुख से जुझते जुझते कि अब पता नहीं चलता कि मैं दुख में हु या दुख मुझमें
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