तुमने साथ नहीं दिया
मैं जानता था आंसुओं से नफ़रत है तुम्हें
मैं हरपल मुस्कुराता था तो तुमने साथ नहीं दिया
अब मैं बातें कभी करता हूं तो ज्यादा बोलजाता हु
ख़ामोश होकर बैठ जाता था तो तुमने साथ नहीं दिया
मेरे हार जाने से अब तुम्हें चुभन होती है बहुत
पहले मैं हर दफा जीत जाता था तो तुमने साथ नहीं दिया
अब मैं पागल सा हो गया हु तो तुम्हें बुरा लगुगा ही
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