लड़का अच्छा है लड़की भी अच्छी है

लड़का अच्छा है, लड़की भी अच्छी है
लड़की ने graduation किया है और लड़के कि भी अच्छी खासी नौकरी है,
फिर लोग शादी कर लेते हैं, बच्चे पैदा कर लेते हैं लेकिन अपने साथी से प्रेम करना नहीं सीख पाते, माथे पर चूमने का सुख उन्हें कभी नहीं मिलता गले लगने का सुकून यह कभी महसूस नहीं कर पाते ,और फिर लोगों का यह कहना की आजकल का प्रेम तो कमरे तक सीमित रह गया है असली प्रेम तो हमारे जमाने में किया जाता था ! जी नहीं हमारे जमाने में भी असली प्रेम किया जाता है, लेकिन आपने, अपने समाज में असल प्रेम के लिए कोई जगह ही नहीं छोड़ी

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